तिब्बतियों के डीएनए से दूर रहो।

तिब्बत पर चीन का नया हमला: तिब्बती डीएनए की चोरी!

तिब्बत में चीन के दमनकारी शासन ने एक भयावह नया मोड़ ले लिया है: पुलिस व्यवस्थित तरीके से तिब्बतियों के डीएनए नमूने ले रही है, जिसमें पाँच साल के बच्चे भी शामिल हैं।

एक व्यापक अनुवांशिक डेटाबेस बनाने के मकसद से लगभग 1.2 मिलियन तिब्बतियों के डीएनए नमूने लिए जा चुके हैं । यह बीजिंग की बढ़ती निगरानी क्षमताओं को और मजबूत कर देगा । जिससे उसे तिब्बतियों पर नजर रखने, उनकी गोपनीयता का उल्लंघन करने और ज़ुल्म करने की अभूतपूर्व ताकत मिल जाएगी ।

थर्मो फिशर नामक एक वैश्विक साइंटिफिक कंपनी है जो चीन की पुलिस द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले डीएनए कीटस को बनती है। यह  अधिकृत तिब्बत में  डीएनए की इस सामूहिक चोरी में सहायता और बढ़ावा देता है।

थर्मो फिशर एक नैतिक कंपनी होने का दावा करती है। चीन लोगों पर ताउम्र निगरानी रखने और भयभीत करने का प्रयास कर रहा है? फिर भी यह कंपनी चीन की सहायता क्यों कर रही है ? 

थर्मो फिशर अधिकृत तिब्बत से मुनाफा कमाना बंद करे और चीन को डीएनए कीटस न बेचे! 

सीईओ-थर्मो फिशर कंपनी- मार्क कैस्पर से चीन के साथ इस घातक सौदे को तुरंत समाप्त करने का आग्रह !

याचिका पत्र यहां पढ़ें। 

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